Zindagi Kaisi Hai Paheli
Budhaditya Mukherjee
ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी ये हँसाए कभी ये रुलाये
ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी तो हँसाए कभी ये रुलाये
तो भी, देखो, मन नहीं जागे
पीछे-पीछे सपनों के भागे
हे हे तो भी, देखो, मन नहीं जागे
पीछे-पीछे सपनों के भागे
एक दिन सपनों का राही
चला जाए सपनों से आगे, कहाँ
ज़िन्दगी कैसी है पहेली, हाय
कभी तो हँसाए, कभी ये रुलाये
ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय
कभी ये हँसाए कभी ये रुलाये