Mohabbat Yeh
आ आ आ आ आ आ ह्म
आँख है अभी नम ज़रा सी
ज़िन्दगी ढूंढें वजह सी रे
एहसास वो फिर तेरा ग़म भर दे
जब मुझे तू तनहा सा कर दे रे
मेरे लफ्ज़ तू ही जान भी
मेरा इश्क़ पे ईमान भी
सज्दे करे इंसान ही
दिखे तुझमे फिर जहां भी
जितना भुलाये उतना रुलाये
हुवे तुम पराए जो
अब जो भी चाहे जितना भी चाहे
फिर भी रुलाए वह
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
आंसुओं को मिले ना
कोई वजह ख़ुशी
दर्द है के ये दिल से
जाता ही नहीं
आके ठहरा है मेरे सीने में
तेरा ग़म इस तरह
फूल सेहरा में कोई खिलता है
सावन का जिस तरह
लगते हैं सारे अपने पराये
दिल चोट खाए तो
अब जो भी चाहे जितना भी चाहे
फिर भी रुलाए वह
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
हो हो हो हो हो हो हो
हो हो हो हो हो हो हो
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
लम्हा लम्हा हुआ है मुझसे यूँ अजनबी
जैसे की ज़िन्दगी में ज़िन्दगी ही नहीं
नम है यह आँख गुम है अल्फ़ाज़
खामोश है जुबां
छोड़ आया मैं धड़कनो को था
तूने छोड़ा जहां
जिसके लिए हो सपने सजाये
वही तोड़ जाए तो
अब जो भी चाहे जितना भी चाहे
फिर भी रुलाए वह
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो
मोहब्बत यह हो जाए तो