Kash Aisa Ho

Bilal Saeed

काश ऐसा हो
तू मिले मुझको
और सुबह ना हो
उस रात की
फिर सभी बातें
ख़ात्में हो जाए
और यह थामे ना
बरसात भी
फिर तेरी आँखों से
मैं पियूं
और तेरी साँसों से
मैं जियुं
ऐसा भी कभी
हो ओह ओह, हो ओह ओह
हो ओह ओह, हो ओह ओह
ना नाना, ना नाना
ना नाना, ना ना नाना

तेरा साथ हो
तुझसे ही बात हो
जियसे भी चाहे फिर
मेरे हालत हो
तेरी बाहों की
बस मिले गर्मियाँ
जितनी भी चाहे फिर
सर्दी ये रात हो
तेरी आगोश में
हो जो सार
तो ज़माना की
ना हो फिकार
तूही है ज़िंदगी
हो ओह ओह, हो ओह ओह
हो ओह ओह, हो ओह ओह
ना ना ना, ना ना ना
ना ना ना, ना ना नाना

मेरे खुदा जो
इतना करम तू करें
उस से मिला दे
मेरे सभी रास्तें
वो मेरी मंज़िल
और मैं मुसाफिर
मिल जाए आँखें
रश जाके रास्ता
इस तरह से भी तो हो कभी
के आके ना जाए कही
ठहरे फिर वक़्त भी
हो ओह ओह, हो ओह ओह
हो ओह ओह, हो ओह ओह
ना ना ना, ना ना ना
ना ना ना, ना ना नाना

Curiosidades sobre a música Kash Aisa Ho de बिलाल सईद

De quem é a composição da música “Kash Aisa Ho” de बिलाल सईद?
A música “Kash Aisa Ho” de बिलाल सईद foi composta por Bilal Saeed.

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