Kuch Kuch Hota Hai [Lo-Fi]
SAMEER ANJAAN, JATIN PANDIT, LALITRAJ PANDIT
ना जाने कैसा एहसास है
बुझती नहीं है क्या प्यास है
क्या नशा इस प्यार का
हमपे सनम छाने लगा
तनहाई में दिल, यादें संजोता है
क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है
क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है
तुम पास आए, यूँ मुस्कुराए
तुमने ना जाने क्या सपने दिखाए
अब तो मेरा दिल, जागे ना सोता है
क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है
क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है