Dua

Manan Bhardwaj

हाँ पत्थर को अपना समझ कर
एक शीशा टूट गया
एक सूने रस्ते पर
हाँ मैं अकेला छूट गया
लग जाती है आग ज़ेहन मैं
जब जब भी बरसात हो
रोज़ सोता हूँ ये सोच कर
आज आखिरी रात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो

क्या तुम्हें पता कितना डरते हैं
हम अब इश्क़ के नाम से
अच्छे खासे शायर थे
अब नहीं रहे किसी काम के
आ जाती है याद तुम्हारी
कागज़ कलम उठाते ही
कितने कागज़ फेंके मैंने
लिख लिख कर तेरे नाम के
क्या क्या लिखा था मैंने तुझ पर
शायद तुझको याद हो
रोज़ सोता हूँ ये सोच कर
काश तुझसे बात हो
मैं दुआ करूँगा अल्लाह से
मेरी मौत तेरे हाथ हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो

जहाँ रहते हैं टूटे आशिक़
मैं उसी जगह पे मिलता हूँ
तू कोशिश कर सुन ने तो आ
मैं आज भी गाने लिखता हूँ
मैंने भी कुछ दिल तोड़े है
जैसे मेरा तूने तोडा था
मुझे कहने लगे है सारे
अब मैं तेरे जैसा दीखता हूँ
जब जाऊं मैं इस दुनिया से
उस दिन खुदा बरसात हो
और अगले जनम में फिर से
मेरी आशिक़ वाली जात हो

क्या खुद को खुदा मानते हो
क्या खुद को खुदा मानते हो
हमें मार तो दिया
पर एक शायर को मारने की
सजा जानते हो.

Curiosidades sobre a música Dua de मनन भारद्वाज

De quem é a composição da música “Dua” de मनन भारद्वाज?
A música “Dua” de मनन भारद्वाज foi composta por Manan Bhardwaj.

Músicas mais populares de मनन भारद्वाज

Outros artistas de Film score