Aur Kuch Baki
लफ़्ज़ों से कुछ ना बताना, अखियों में मुस्कुराना
लफ़्ज़ों से कुछ ना बताना, अखियों में मुस्कुराना
हो गया रे तुझ से प्यार, दिल गया मैं तुझ पे हार
हो गया रे तुझ से प्यार, दिल गया मैं तुझ पे हार
ओ पिया, ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
नैनों के किनारे-किनारे, चाहतों के धारे-धारे
आकर बसा रे मेरी धड़कनों में तू
निंदिया की चोरी भी की, और सीना-जोरी भी की
शामिल हुआ रे कैसे दुश्मनों में तू
मीठी-मीठी तकरार, फिर भी है इंतज़ार
मीठी-मीठी तकरार, फिर भी है इंतज़ार
ओ पिया, ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
रूठना-मनाना तेरा, प्यार का ख़ज़ाना मेरा
सतरंगी ख़ाबों की है तू मेरी दास्ताँ
मेरी नज़र में तू ही, शाम-ओ-सहर में तू ही
है रे मोहब्बत तुझ से बेइंतहा
मेरी धड़कन का हर तार बोले; तुझ से है प्यार
मेरी धड़कन का हर तार बोले; तुझ से है प्यार
ओ पिया, ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो
ओ पिया, और कुछ बाक़ी हो तो बोलो