Chaand Chhupa Badal Mein
Ismail Darbar, Mehboob
ए, गुमसुम सा है, गुपचुप सा है
मदहोश है, खामोश है
ये समाँ, हाँ, ये समाँ कुछ और है
चाँद छुपा बादल में शरमा के, मेरी जानाँ
सीने से लग जा तू बलखा के, मेरी जानाँ
गुमसुम सा है, गुपचुप सा है
मदहोश है, खामोश है
ये समाँ, हाँ, ये समाँ कुछ और है
ओ-हो-हो, चाँद छुपा बादल में शरमा के, मेरी जानाँ