Yeh Kyun Kiya
M. M. Kreem, Manoj Muntashir
मुझे कुछ समझ ना आए
क्या गलत हुआ है मुझसे
क्यूँ ये जान जल रही है,
क्यूँ धुआँ उठा है दिल से
कोई यूँ नहीं बदलता
तू बदल गयी है जैसे
मेरे साथ ये क्यूँ किया
मेरे साथ ये क्यूँ किया
मेरे साथ ये क्यूँ किया
कोई कभी ना दर-बदर हो
ऐसे' मेरी तरह
सारा जहाँ है मेरा दुश्मन
वो भी बिना वजह
ये इश्क़ है, यही इश्क़ है
तो दिल लगाना क्या
नाराज़ हूँ, मैं नाराज़ हू
इसमे छुपाना क्या
मेरे साथ ये क्यूँ किया
मेरे साथ ये क्यूँ किया
मेरे साथ ये क्यूँ किया
मेरे साथ ये क्यूँ किया