Jaise Savan
Tanishk Bagchi
कोई जुड़ा ना हो
किसी से कभी
कोई बाकी ना हो
बातें अनकही
जिसे चाहे यह दिल
वो रूठे अगर
तू मानाले उसे झूता सही
झूता ही सही
मेरे लिए तो अजाओ ना
जैसे सावन फिर से आते हैं
तुम भी आओ ना
जैसे बदल घिर के आते हैं
तुम भी आओ ना
जैसे सावन फिर से आते हैं
तुम भी आओ ना
जैसे बदल घिर के आते हैं
तुम भी आओ ना
जेया रही हूँ मैं तेरी होके
शिकवे सारे खोके
संग ले चली हूँ बीतन लम्हा
आदतें यह थी जो मेरी
हो गयी हैं सारी तेरी
कैसे तू कहेगा खुदको तन्हा
इश्स बार जब जाओगे तुम
मुझे संग ले जाओ ना
जैसे ल़ाहेरें लौट आती हैं
तुम भी आओ ना
जैसे घड़ियाँ रुक जाती हैं
रुक जाओ ना
जैसे सावन फिर से आते हैं
तुम भी आओ ना
जैसे घड़ियाँ रुक जाती हैं
तुम भी जाओ ना
हो ऊ हो ऊ