Tumhari Khushboo
VISHAL
बारिश के बाद के गीली मिट्टी की खुशबू
तुम्हारी खुशबू
बारिश के बाद के गीली मिट्टी की खुशबू
तुम्हारी खुशबू
तुम्हारी खुशबू तुम्हारी खुशबू
फादी मे भीगे भीगे कोहरे की खुशबू
तुम्हारी खुशबू
तुम्हारी खुशबू तुम्हारी खुशबू
सांसो पे सांसो पे नाम लिख दो
लिख दो
अनसुना सा अनजाना इल्जाम लिख दो
लिख दो
बाहो का आघोष उड़ती उड़ती प्यास
ये प्यास ना बुझने दो
हाथो मे ठंडी ठंडी मेहंदी की खुशबू
तुम्हारी खुशबू
तुम्हारी खुशबू तुम्हारी खुशबू
हा रूई सा हल्का है ये तन सारा, सारा
नस नस मे महकी है ठंडी ज्वाला, ज्वाला
आँखो पे रखदो हथेलियो के आँच
मेरे ख्वाब सुलगने दो
जाड़ो मे कोसी कोसी धूप की खुशबू
तुम्हारी खुशबू
तुम्हारी खुशबू
तुम्हारी खुशबू