Saanj Dhale Gagan Tale Hum Kitane Ekaki

LAXMIKANT KUDALKAR, PYARELAL SHARMA, VASANT DEV

सांझ ढले गगन तले
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी
छोड़ चले नैनों को
किरणों के पाँखि
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी

पाती की जाली से झाँख रही थी कलियाँ
पाती की जाली से झाँख रही थी कलियाँ
गंध भरी गुनगुन में मगन हुई थी कलियाँ
इतने में तिमिर धंसा सपनीले नैनों में
कलियों के आंसू का कोई नहीं साथी
छोड़ चले नैनों को
किरणों के पाँखि
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी

जुगनू का पथ ओढ़े आएगी रात अभी
जुगनू का पथ ओढ़े आएगी रात अभी
निशिगंधा के सुर में कह देगी बात सभी
निशिगंधा के सुर में कह देगी बात सभी
कँपता है मन जैसे डाली अम्बआ की
छोड़ चले नैनों को
किरणों के पाँखि
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी
सांझ ढले गगन तले
हम कितने एकाकी

Curiosidades sobre a música Saanj Dhale Gagan Tale Hum Kitane Ekaki de Suresh Wadkar

De quem é a composição da música “Saanj Dhale Gagan Tale Hum Kitane Ekaki” de Suresh Wadkar?
A música “Saanj Dhale Gagan Tale Hum Kitane Ekaki” de Suresh Wadkar foi composta por LAXMIKANT KUDALKAR, PYARELAL SHARMA, VASANT DEV.

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