Masti Gad Gad
सौ दफ़ा समझाया दिल को ना सुने मेरी
कह रहा मैं तो करूँगा जो मेरी मर्ज़ी
हाँ सौ दफ़ा समझाया दिल को ना सुने मेरी
कह रहा मैं तो करूँगा जो मेरी मर्ज़ी
घूमता गलियों मोहल्ले बेवजह यू ही
ये ज़मीन पे उडद रहा है इसने हद कर दी
खिड़की दरवाजे खोल दो जो कहना है वो बोल दो
खुल के जीने का मौका सबको मिलता है कहाँ
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो
आधी पौनी खुशियों से तो अपना काम नही चलता है
अपनी ही धुनकि में हम तो रहते है यहाँ
हम सीधे है पेर हुमको तुम इतना भी सीधा ना समझो
मीठे थोड़े तीखे है हम सबको है पता
खुशियों से रिश्ता जोड़ लो अपनी राहों को मोड़ लो
खुल के जीने का मौका सबको मिलता है कहाँ
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो
यारों के संग हो तो अपने दिल की बीट बदल जाती है
किक बिना हमको जीने की आदत है कहाँ
सिर के सारे अंजर पंजर ढीले थे ढीले रहने दो
थोड़ी सी पागल पँति में भी है इक नशा
हर इक बंदिश को तोड़ दो खुद को समझना छ्चोड़ दो
खुल के जीने का मौका सबको मिलता है कहाँ
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो
मस्ती गड़ गड़ पी लेंगे लम्हे झटपट जी लेंगे
कल की कल ही सोचेंगे फिर जो होगा होने दो