Guli Mata
Sumit Goswami
दिल मेरा है नासमझ कितना
बेसबर ये बेवकूफ़ बड़ा
चाहता है कितना तुझे
खुद मगर नहीं जान सका
इस दर्द-ऐ-दिल कि सिफारिश
अब कर दे कोई यहाँ
के मिल जाए इसे वो बारिश
जो भीगा दे पूरी तरह
इस दर्द-ए-दिल कि सिफारिश
अब कर दे कोई यहाँ
के मिल जाए इसे वो बारिश
जो भीगा दे पूरी तरह, आ आ