Kaabil
आ आ आ
नींद लेकर मेरी वो किसी
और के साथ सोता है
हाथ छोड़कर मेरा किसी
और बाहों में होता है
नींद लेकर मेरी वो किसी
और के साथ सोता है
हाथ छोड़कर मेरा वो किसी
और बाहों में होता है
वह खुश नहीं मुझसे
मैं यार के काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे
मैं प्यार के काबिल नहीं
अब उसके काबिल क्या
मैं खुद के काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे
मैं प्यार के काबिल नहीं
हक़ीक़त ईमान बैठे थे पत्थर के फूलों को
खूबसूरत थे लेकिन खुशबू नहीं आती थी
आज उनकी वजह से जान देने को दिल है
जिनको देख कर जान यह जाती थी
ईमान वे तू ता ऐतबार दे काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे
मैं प्यार के काबिल नहीं
अब उसके काबिल क्या
मैं खुद के काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे मैं प्यार के काबिल नहीं
रौशनी में हो कर अंधेरों में रह गए
तेरे बाद भी तेरे ही रह गए
रौशनी में हो कर अंधेरों में रह गए
तेरे बाद भी तेरे ही रह गए
जितना तो क्या
मैं हार के काबिल नहीं
हार के काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे
मैं प्यार के काबिल नहीं
अब उसके काबिल क्या
मैं खुद के काबिल नहीं
नफ़रत करो मुझसे आ आ आ