Nazron Ka Kya Kasoor

Rani Malik

नज़रो का क्या कसूर है
दिल की भी क्या खता
नज़रो का क्या कसूर है
दिल की भी क्या खता
इस उम्र में जो होता है
हमने वही किया हा
हमने वही किया
नज़रो का क्या कसूर है
दिल की भी क्या खता

चेहरा है चाँद जैसा
शबनम सा बदन
नज़रों में बांकपन
ज़ुल्फो में सावन
अइ है अइ है
चेहरा है चाँद जैसा
शबनम सा बदन
नज़रों में बांकपन
ज़ुल्फो में सावन
तेरी शोखियों ने और भी है
पागल बना दिया हा
पागल बना दिया
नज़रो का क्या कसूर है
दिल की भी क्या खता

तेरे प्यार ने किया है ऐसे बेक़रार
सच तो है ये की हम भी
अब दिल गए है हार
तेरे प्यार ने किया है ऐसे बेक़रार
सच तो है ये की हम भी
अब दिल गए है हार
तेरी चाहतों के आगे
यह सर झुका दिया है
यह सर झुका दिया
नज़रो का क्या कसूर है
दिल की भी क्या खता
इस उम्र में जो होता है
हमने वहीँ किया हा
हमने वहीँ किया
नज़रो का क्या कसूर है (नज़रो का क्या कसूर है)
दिल की भी क्या खता (दिल की भी क्या खता)

Curiosidades sobre a música Nazron Ka Kya Kasoor de S.P. Balasubrahmanyam

De quem é a composição da música “Nazron Ka Kya Kasoor” de S.P. Balasubrahmanyam?
A música “Nazron Ka Kya Kasoor” de S.P. Balasubrahmanyam foi composta por Rani Malik.

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