Main Zinda Hoon
साथियो साथियो आखिरी बारी
क्या कह रहा हूं सुन
हो सके तो सुनो
मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
जिन्के नाम लिखा है
उन तक पाहुचा देना
उन तक पाहुचा देना
मेरे मन की बात उन्हे तुम बटला देना
मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
इक पैघम लिखा है
मेरी मां से तुम ये कहना
बचपन में मुझसे तूने कहा था
धरती मां भी मां होती है
मैंने आज इस धरती मां की लाज राखी है
मत रो माँ तू क्यूं रोटी है
क्यूं रोटी है
क्यूं रोटी है
मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
इक पैघम लिखा है
आ
मेरे बाबा से तुम कहना
बचपन में मुझसे तुमने कहा था
ऐसा कुछ मत करना की मैं शर्मिंदा हूं
तुमने कहा था इतिहास हमसे कहता है
जो है बहादुर, मरके भी जिंदा रहता है
बात तुम्हारी मान ली मैंने
अपने वतन पे जान दी मैंने
देखो बाबा आज मैं मार्के भी जिंदा हूं
सौ करोद इंसानो के
एहसास में मैं जिंदा हूं
हिंदोस्तान के मन में बेस
विश्वास में मैं जिंदा हूं
नौजवान चेहरे में मैं हूं
सरहद पर पहरों में मैं हूं
तुम मेरा कोई गम न करना
अपनी पालकों को नम न करना
अपना गौरव कम ना करना
अपना गौरव कम ना करना
मैं जिंदा हूं
मैं जिंदा हूं
मैं जिंदा हूं