Kal Ho Naa Ho [Lofi Flip]

Javed Akhtar, Shankar Mahadevan, Ehsaan Noorani, Aloyius Mendonsa

हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी
छाँव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो
हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी
छाँव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो

चाहे जो तुम्हें पूरे दिल से
मिलता है वो मुश्किल से
ऐसा जो कोई कहीं है
बस वो ही सबसे हसीं है
उस हाथ को तुम थाम लो
वो मेहरबाँ कल हो न हो
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो

हो पलकों के ले के साये
पास कोई जो आये
लाख सम्भालो पागल दिल को
दिल धड़के ही जाये
पर सोच लो इस पल है जो
वो दास्ताँ कल हो न हो
हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी
छाँव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो

Curiosidades sobre a música Kal Ho Naa Ho [Lofi Flip] de Sonu Nigam

De quem é a composição da música “Kal Ho Naa Ho [Lofi Flip]” de Sonu Nigam?
A música “Kal Ho Naa Ho [Lofi Flip]” de Sonu Nigam foi composta por Javed Akhtar, Shankar Mahadevan, Ehsaan Noorani, Aloyius Mendonsa.

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