Ek Saathi Aur Bhi Tha

ANU MALIK, JAVED AKHTAR

खामोश है जो
ये वो सदा है
वो जो नहीं है
वो कह रहा है
साथियों तुमको मिले
जीत ही जीत सदा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

कल परबातों पे कहीं
बरसी थी जब गोलियाँ
हम लोग थे साथ में
और हौसले थे जवान
अब तक चट्टानों पे
हैं अपने लहू के निशान
साथी मुबारक तुम्हें
ये जश्न हो जीत का
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

कल तुमसे बिच्छड़ी हुई
ममता जो फिर से मिले
कल फूल चेहरा कोई
जब तुमसे मिलके खिले
कल तुमसे बिच्छड़ी हुई
ममता जो फिर से मिले
कल फूल चेहरा कोई
जब तुमसे मिलके खिले
पाओ तुम इतनी खुशी
मिट जायें सारे गीले
है प्यार जिनसे तुम्हें
साथ रहे वो सदा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था

जब अमन की बाँसुरी
गूँजे गगन के तले
जब दोस्ती का दिया
इन सरहदों पे जले
जब भूल के दुश्मनी
लग जाए कोई गले
जब सारे इंसानो
का हो एक ही काफिला
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
जाओ जो लौट के तुम
घर हो खुशी से भरा
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था
बस इतना याद रहे
एक साथी और भी था.

Curiosidades sobre a música Ek Saathi Aur Bhi Tha de Sonu Nigam

De quem é a composição da música “Ek Saathi Aur Bhi Tha” de Sonu Nigam?
A música “Ek Saathi Aur Bhi Tha” de Sonu Nigam foi composta por ANU MALIK, JAVED AKHTAR.

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