Rang De
शाम पिया
शाम पिया हा मोरे रंग दे
मोरे रंग दे रंग दे चुनरिया
शाम पिया हा मोरे रंग दे
मोरे रंग दे रंग दे चुनरिया
लाल ना रंगाऊ हरी ना रंगाऊ
अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया
बिना रंगे में तो घर नही जाउंगी
बीत ही जाये चाहे सारी उमरिया
शाम पिया हा मोरे रंग दे
ओ मोरे रंग दे रंग दे चुनरिया
जल से पतला कौन है ओर
कौन भूमि से भारी
कौन अगन से तेज़्ज़ है
कौन काजल से कारी
लाल ना रंगाऊ हरी ना रंगाऊ
अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया
रस ही रंग देती रंग ही ना छूटे
धोभिया धोये चाहे सारी उमेरियाँ
शाम पिया हा मोरे रंग दे
ओ मोरे रंग दे रंग दे चुनरिया
जल से पतला ज्ञान है और
पाप भूमि से भारी
क्रोध अगन से तेज़्ज़ है और
कालन काजल से कारी
लाल ना रंगाऊ हरी ना रंगाऊ
अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया
बिना रंगे में तो घर नही जाउंगी
बीत ही जाये चाहे सारी उमरिया
शाम पिया शाम पिया शाम पिया (शाम पिया शाम पिया)