Nouka Doobi
शहर समंदर ये दिल का शहर समंदर
दो कश्तियाँ थीं तैरती यहाँ बन के हमसफ़र
ओ, कितना हसीं दिखता था वो इश्क़ का मंज़र
तभी वक़्त की एक आँधी उठी, आया बवंडर
खोया, मेरा प्यार खोया, ख़्वाब खोया, नौका डूबी रे
तेरा मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
खोया, मेरा चाँद खोया, चाँदनी अंबर से टूटी रे
तिरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
शहर समंदर, ये दिल का शहर समंदर
दो कश्तियाँ थीं तैरती यहाँ होके बेख़बर
ओ, तू रात ही में उलझा था, मैं बन गई सहर
तू साँसे माँगता था और में पी गई ज़हर
खोया, मेरा प्यार खोया, ख़्वाब खोया, नौका डूबी रे
तेरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
खोया, मेरा प्यार खोया, ख़्वाब खोया, नौका डूबी रे
तेरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
नौका डूबी रे, अजनबी रे
हम दोनों दो किनारे, पास नहीं हैं
कैसे कह दें हम जुदा हैं? हम दूर नहीं हैं
हो, हम दोनों दो किनारे, पास नहीं हैं
कैसे कह दें हम जुदा हैं? हम दूर नहीं हैं
परछाइयाँ बन, दूर रह के साथ चलेंगे
कभी आना तुम ख़यालों में, हम बातें करेंगे
खोया, मेरा प्यार खोया, ख़्वाब खोया, नौका डूबी रे
तेरा मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
खोया, मेरा चाँद खोया, चाँदनी अंबर से टूटी रे
तेरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
नौका डूबी रे, हो
शहर समंदर, ये दिल का शहर समंदर
दो कश्तियाँ थीं तैरती यहाँ बन के हमसफ़र
कितना हसीं दिखता था वो इश्क़ का मंज़र
तभी वक़्त की एक आँधी उठी, आया बवंडर
खोया, मेरा प्यार खोया, ख़ाब खोया, नौका डूबी रे
तेरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे
खोया, मेरा चाँद खोया, चाँदनी अंबर से टूटी रे
तेरा-मेरा साथ छूटा, फिर बने हम अजनबी रे