Mann Kesar Kesar
Raj Shekhar
मन केसर केसर महके
रेशम रेशम लागे रे
दिल चंपई चंपई बांधे
सिंदूरी से धागे रे
सुन ओ कनमनी
सुन ओ कनमनी
शहनाई सी बाजे रे
साँवली साँवली
तेरी आँख में
बाँधनी से ख़ाब रे
खनक खनक गई
हँसी हँसी तेरी
कनक कनक धरा
हुई अभी अभी
मन केसर केसर महके
रेशम रेशम लागे रे
दिल चंपई चंपई बांधे
सिंदूरी से धागे रे
दोनो नैनों में
पिया बसे सारा सारा
इन्हीं नैनों में
सारा मिले प्यार
आँचल में हो पुरवा
रूनझुन तारे आँगन में
आँगन में आँगन में
एक कोसा कोसा सपना
मद्धम मद्धम जागे रे
दिन हौले हौले धड़के
सौंधी सौंधी शामें रे
हुई संदली हुई संदली अपनी सब रातें रे
साँवली साँवली
तेरी आँखों में
बांधनी से ख़ाब रे
खनक खनक गई
हँसी हँसी तेरी
कनक कनक धरा
हुई अभी अभी