Banda

Gulzar

ना रुकता है ना मुड़ता है
बस चलता रहता है
ना सुनता है ना कहता है
बस करता रहता है
पूछेगा इतिहास कभी
क्या बंदा है ये

रब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये

माथे पे बल पड़ जाए
तकदीर हो जाए
बोले ज़बान से पत्थर की
लकीर हो जाए
लकीर हो जाए
पूछेगा इतिहास कभी
क्या बंदा है ये
रब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
हो सब का बंदा है ये

मीठा मिला कोई कड़वा मिला लम्हा
लम्हा वो सब जी गया
बेखौफ़ बेदाग फ़ौजी
जैसे वर्दी पे वतन सी गया
हो ढूंदेगा वक़्त इसे
ग़ज़ब का बंदा है
रब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये
रब का बंदा है ये
सब का बंदा है ये

Curiosidades sobre a música Banda de Shankar–Ehsaan–Loy

De quem é a composição da música “Banda” de Shankar–Ehsaan–Loy?
A música “Banda” de Shankar–Ehsaan–Loy foi composta por Gulzar.

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