Kyun
Aarvi, Surya Samudra, Samir Gwalia
ह्म ह्म ह्म हे हे हे
तुमसे ही है प्यार क्यूँ
कोई ये समझाए
हर घड़ी तेरा इंतेज़ार क्यूँ
इश्क़ अगर खुदा ने लिखा है तो बतलाओ
इसमे इतना है ख़ार क्यूँ
ह्म हम साथ जीएँगे
संग खाई जो कस्में
बदल ही देंगे हम
दुनिया की रस्में
नज़रों से सबकी चुप चुप के मिलना
नम आँखों से फिर अलविदा कहना
गुज़रा अभी उन राहों से
वादों से जो थीं जुड़ी
ह्म गुज़रा अभी उन राहों से
वादों से जो थीं जुड़ी
खोए हैं हम उन ख़्वाबों में
जो हैं अधूरे पड़े
यूँ तुझसे बिछड़ के
मोहब्बत बढ़ गयी है
है यक़ीन मेरे लिए
तू खुदा से लड़ रही है
काँधे पे मेरे जब तेरा सर था
हसीन थी दुनिया, रंगीन शहर था
ये हमारा मिलना इत्तेफ़ाक़ नही है
मर्ज़ी है खुदा की मज़ाक नही है
ह्म रब ने जोड़ा है फिर सहे क्यूँ सितम
अगर इश्क़ खुदा है फिर क्यूँ बिछड़े हम