Saath
Kausar Munir
मैं तेरे लिए ना बनी
मेरी जेया तू मेरे लिए ना बना
दिल की मगर
एक ही नज़र
एक साथ है
ज़्यादा या कूम
खुशी या घूम
एक साथ है
आ मिल के बाँट लेंगे
दर्द को
साथ में
आ हंस के कांत लें
सारी मुश्किलें
साथ में
के प्यार की यही तो प्यारी बात है
दो मंज़िलें सफ़र में एक साथ हैं
मैं तेरे लिए ना बनी
मेरी जान तू मेरे लिए ना बना
धूप में
छ्चाओं में
चल सको रात में
तो चल ज़रा साथ में
तू चंदा
और मैं तारा
एक साथ में
ना है तू अंधेरा
ना हूँ मैं उजाला
मिल के कोहरा कोहरा हुए
तू भी क़तरा क़तरा
बूँद बूँद मैं भी
मिल के समंदर बने
मैं तेरे लिए ना बनी
मेरी जान तू मेरे लिए ना बना
मेरे लिए
तू ना बना
तेरे लिए
मैं ना बनी
दिल की मगर
एक ही नज़र
एक ही सफ़र
एक ही गली
मेरे लिए
तू ना बना
तेरे लिए
मैं ना बनी
दिल की मगर
एक ही नज़र
एक आस्मा
एक ही ज़मी