Beta Apni Maa Se Kabhi
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही
दुनिया का हर बंधन शायद टूट भी जाए
दुनिया का हर बंधन शायद टूट भी जाए
ममता की डोरी तो कभी टूटती नही
ममता की डोरी तो कभी टूटती नही
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही
बेटा तेरे दरवाजे पे माँ तेरी आई
बेटा तेरे दरवाजे पे माँ तेरी आई
दर्द का एक सुलगता सैलाब हैं लाई
मेरी ममता को बाहों मे थाम ले आके
जी ना सकूँगी तेरे दर से दूर मैं जाके
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही
दुनिया का हर बंधन शायद टूट भी जाए
दुनिया का हर बंधन शायद टूट भी जाए
बेटा अपनी माँ से कभी रूठ भी जाए
माँ अपने बेटे से कभी रूठती नही