Ummeed
GULZAR, PIYUSH KANOJIA, RAJAT DHOLAKIA
आ आ
आ आ
उम्मीद अब कही कोई दर खोलती नही
उम्मीद अब कही कोई दर खोलती नही
जलने के बाद शंमार बोलती नही
उम्मीद अब कही कोई दर खोलती नही
जो साँस ले रही है हर तरफ वो मौत है
जो साँस ले रही है हर तरफ वो मौत है
जो चल रही है सीने में वो जिंदगी नही
जो चल रही है सीने में वो जिंदगी नही
हर एक चीज़ जल रही है शहर में मगर
हर एक चीज़ जल रही है शहर में मगर
अंधेरा बढ़ रहा है कही रोशनी नही
अंधेरा बढ़ रहा है कही रोशनी नही
जलने के बाद शंमार बोलती नही
उम्मीद अब कही कोई दर खोलती नही
उम्मीद अब कही कोई दर खोलती नही