Kahan Hai Tu

Sunayana Kachroo

मुझे ओढे के खुद मैं बहके तू
यूँही पूछ्ता कहाँ है तू
कभी तू फलक कभी तू जमीन
तुझमे जहाँ जहाँ मैं तू
वे महियाँ कहाँ है तू
वे सइयां कहाँ है तू
वे महियाँ कहाँ है तू
वे सइयां कहाँ है तू
वे महियाँ कहाँ है तू
वे सइयां कहाँ है तू
वे महियाँ कहाँ है तू
वे सइयां हाँ

ये मिलना बिछड़ना जूनून है
तेरे होने से ही मुझको सुकून है
आब आती जाती साँसों से गिला नहीं
तेरी नज़रों का सब ये कसूर है
ये मिलना बिछड़ना जूनून है
तेरे होने से ही मुझको सुकून है
आब आती जाती साँसों से गिला नहीं
तेरी नज़रों का सब ये कसूर है
वे महियाँ कहाँ है तू
वे सइयां कहाँ है तू
वे महियाँ कहाँ है तू
सैयां
मुझे ओढे के खुद मैं बहके तू
यूँही पूछता कहा है तू

Curiosidades sobre a música Kahan Hai Tu de Rashmeet Kaur

De quem é a composição da música “Kahan Hai Tu” de Rashmeet Kaur?
A música “Kahan Hai Tu” de Rashmeet Kaur foi composta por Sunayana Kachroo.

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