Theek Hai
Rahul Shah
सच तो यह है की हम दोनो घंघीन हैं
खुद से बातें करते नही ढीठ हैं
कैसे चेहरे है हम ने पहने यहाँ (आआ)
मन में रोते और कहते की सब ठीक है
क्या पता दुनिया की कौन सी रीत है
किष्तों में है खुशी
गम की जीत है
शिकवे करके भी है क्या बता फायदा
क़िस्से तेरे ही कैसा लगे कायदा
लगता है गुम-सुम से यहाँ गीत है
सच बताऊँ तो हम दोनो घंगीन है
हम्म्म हम्म्म
खुद से पहले है तुमने जो सोचा उन्हे
इक पल भी हवा ने ना रोका उन्हे
जानेवालों की शायद यही रीत है
लफ्ज़ है कम
आँसू में भी भीख है
उउउ उउउ उउउ उउउ
ज़िंदगी का हमारी यही गीत है (हम्म्म)
अपनी अपनी जगह पे सब ठीक हैं