Shaam Dhale Jab Deep Jale
शाम ढले जब दीप जले
शाम ढले जब दीप जले
एक भूली खानी याद आती हैं
भूख उठती हैं दिल जलता हैं
प्रीत पुरानी याद आती हैं
याद आती हैं
शाम ढले जब दीप जले
झील मिल तारे नादिया किनारे
चंचल लहरे महकी हवाए
झील मिल तारे नादिया किनारे
चंचल लहरे महकी हवाए
चंचल लहरे महकी हवाए
चाँद की कास्ती गाता माजी
रुत वो सुहानी याद आती हैं
याद आती हैं
शाम ढले जब दीप जले
काजल से लिखी हुई चित्ति
मैना काग़ज़ उजाले आँसू
काजल से लिखी हुई चित्ति
मैना काग़ज़ उजाले आँसू
काजल से लिखी हुई चित्ति
मैना काग़ज़ उजाले आँसू
जलती बुझती तहरी रो की
भीगी निशानी याद आती हैं
याद आती हैं
शाम ढले जब दीप जले
आँखों की झीलो में ज़मीर
अब खाब पांच्ची डूब गये
आँखों की झीलो में ज़मीर
अब खाब पांच्ची डूब गये
खाब पांच्ची डूब गये
रेत से कबतक छ्चीप चुनोगे
क्यूँ अंजानी याद आती हैं
याद आती हैं
शाम ढले जब दीप जले
एक भूली खानी याद आती हैं
भूख उठती हैं दिल जलता हैं
प्रीत पुरानी याद आती हैं
याद आती हैं
शाम ढले जब दीप जले