Sabr De Ya Mere Zakhmo Ko
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
तक के बे नूवर हुई
ढूँढने वाली आँखें
अब इनाह्ी मेरे पैरों में
उजला दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
उमरा भर जिसने
कड़ी धूप में राहत दी हैं
उमरा भर जिसने
कड़ी धूप में राहत दी हैं
यूयेसेस सुलगती हुई दिवाद को साया देदे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
आरज़ू हैं के किसी आँख में आँसू ना रहें
मेरे हाथो में कोई ऐसा खिलोना देदे
वरना फिर मुझको तड़पने का
सलीका दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को
मसीहा दे दे
सबर दे या मेरे ज़ख़्मो को