Muskuraa Lena Tum
दिन के उजालो में
मेरी यादें सजा लेना
रातों के अंधेरों में
तुम चाँद जला देना
मेरी मोहोब्बत हो जिन में
वो आँखें रहे ना नम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब सावन की बारिश हो
तुम बाहें खोल के रखना
आये खिड़की से हवा
महसूस मुझे तुम करना
जब सावन की बारिश हो
तुम बाहें खोल के रखना
आये खिड़की से हवा
महसूस मुझे तुम करना
यादें बनाओ तुम इतनी
यादें बनाओ तुम इतनी
मेरी यादें पड़े ना कम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
हाँ जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
अपनी तस्वीरों से तुम
किस्से फिर जी लेना
जब चाय कभी बनाओ तो
मेरे हिस्से की भी पी लेना
हाँ अपनी तस्वीरों से तुम
किस्से फिर जी लेना
जब चाय कभी बनाओ तो
मेरे हिस्से की पी लेना
इतना जी लो साथ मेरे
मेरा ग़म भी लगे ना ग़म
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम
जब भी मेरी याद आये तो
मुस्कुरा लेना तुम.