Humnashi

Tripurari

गुमसुम गुमसुम रहती हूँ
अपनी धुन में बहती हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना

जैसे पहली बारिश हूँ
लगता है इक ख्वाहिश हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना

ऐ हमनशी तुम संग हो
तो आसमान है ये ज़मीन
ऐ हमनशी तुम जो नहीं
तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

ताना बाना बुनता हूँ
इक अफसाना बुनता हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना

तारे वारे गिनता हूँ
खुद से बातें करता हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना

ऐ हमनशी तुम संग हो
तो आसमान है ये ज़मीन
ऐ हमनशी तुम जो नहीं
तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

गुज़रे ना पल कोई जिस में
शामिल तुम ना रहो
चाहूँ ना दिन कोई जिसका
हासिल तुम ना रहो

लेकिन जैसे शाम का सूरज
रोज़ ही ढलता है
मैंने सुना है प्यार का मौसम
रोज़ बदलता है

ऐ हमनशी तुम संग हो
तो आसमान है ये ज़मीन
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

प्यार का मौसम चाहे बदले
मैं ना कभी बदलूंगा
कोई पल हो कोई लम्हा
हाथ नहीं छोडूंगा यारा

दिल से तुम्हें चाहा था जाना
दिल से तुम्हें चाहूंगा
चाहे कहीं भी जाऊं लेकिन
लौट के मैं आऊंगा

ऐ हमनशी तुम संग हो
तो आसमान है ये ज़मीन
ऐ हमनशी तुम जो नहीं
तो ये जहाँ कुछ नहीं

ऐ हमनशी तुम संग हो
तो आसमान है ये ज़मीन
ऐ हमनशी तुम जो नहीं
तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

Curiosidades sobre a música Humnashi de Palak Muchhal

De quem é a composição da música “Humnashi” de Palak Muchhal?
A música “Humnashi” de Palak Muchhal foi composta por Tripurari.

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