Subah
Nick, Karan Kanchan
चली जब जब हवा
मुझको असर हुआ
मांगू तुझे हर दुआ
तू ही मेरी हर सुबह
जाने ये कब हुआ
मुझको खबर कहा
हुआ मेरा दिल फ़िदा
तू ही मेरी हर सुबह
तू ही मेरी हर सुबह
तू ही मेरी हर सुबह
जब से मै खोया हु
मिलना मै चाहु कोई बहाने से
सूरज को बोलू मै
जल्दी से ढल जा शाम भी आने दे
रात को फिरता मै तनहा आवारा
देखो मैखाने में
पुछु मै खाली ये मेरा है कैसा
छोड़ दो जाने दे
तेरे इरादों से मेरे ही वादों से
पालू मै तुझको यु
किसी भी बहाने से
तेरी ही आँखों में
तेरी ही बातों में
खोया मै रहता हु पूछे क्या ज़माने से
तू ही मेरी हर सुबह
तू ही मेरी हर सुबह