Sawar Loon
Amitabh Bhattacharya
हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए
गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए
बदल रही है आज ज़िंदगी की चाल ज़रा
इसी बहाने क्यों ना मैं भी दिल का हाल जरा
सवार लूँ, सवार लूँ
सवार लूँ, हाए सवार लूँ
हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए
गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए
बदल रही है आज ज़िंदगी की चाल ज़रा
इसे बहाने क्यूँ न मैं भी दिल का हाल ज़रा
सवार लूँ, हाए सवार लूँ
सवार लूँ, हाए सवार लूँ
हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए
गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए