Tere Shaheron Se Raja
तूने जो ढंग निकाले जो बेढंगे हे
इतना बुनती हे फिर भी बदन नंगे हे
गुलक टूट जाता है धनवानों के मेहखानो में
लाखों मर जाते हे तपते हुए मैदानों में
भूखे फुटपाथों पे सोते हे तेरे शहरों में
लोग इन्साफ कराते हे तेरे शहरों में
लोग इन्साफ कराते हे तेरे शहरों में
लोग इन्साफ कराते हे तेरे शहरों में
लोग इन्साफ कराते हे तेरे शहरों में
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले
वाहा चैन से तो सोते
थे सितारों के तले
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले
कही भाषा का झगड़ा
है तो कही प्रांत का है
कही नस्लो का है फ़साद
तो कही जात का है
अमन और चैन का है
साया नही इन्न राहो मे
दढ़िया छोटिया टकराती
हैं चौराहो मे
तेरे शहरों में मोहब्बत
का पता क्या ढूँढे
आदमी तक नही मिलता
है खुदा क्या ढूँढे
आदमी तक नही मिलता
है खुदा क्या ढूँढे
आदमी तक नही मिलता
है खुदा क्या ढूँढे
आदमी तक नही मिलता
है खुदा क्या ढूँढे
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले
वाहा चैन से तो सोते
वाहा चैन से तो सोते
थे सितारों के तले
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले
तुमने राकेट की मदद
ले के सितारे देखे
तुमने राकेट की मदद
ले के सितारे देखे
मौत के मुँह में हैं
दुख दर्द के मारे कितने
दाने दाने को तरसते
हैं बेचारे कितने
यही तहज़ीब है शहरों
की तो जंगल अच्छे
जो हर एक घर पे बरसते
हो वो बादल अच्छे
जो हर एक घर पे बरसते
हो वो बादल अच्छे
जो हर एक घर पे बरसते
हो वो बादल अच्छे
जो हर एक घर पे बरसते
हो वो बादल अच्छे
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले
वाहा चैन से तो सोते
वाहा चैन से तो सोते
थे सितारों के तले
तेरे शहरों से राजा
हमे बन ही भले