Suno Suno Ek Nai Kahani
सुनो सुनो
सुनो सुनो एक नयी कहानी
सुनो सुनो एक नयी कहानी
सुनो सुनो
एक थी रूपनगर की रानी
रानी की मख़मूर जवानी
मतवाली भरपूर जवानी
अपने आप से थी बेगानी
सुनो सुनो
सुनो सुनो एक नयी कहानी
सुनो सुनो
उस रानी का रूप महल था झील किनारे
जिसके जल मे झांक रहे थे चाँद सितारे
दूध से उजाला शहद से मीठा
दूध से उजाला शहद से मीठा
था उस झील का पानी
सुनो सुनो
सुनो सुनो एक नयी कहानी
सुनो सुनो
एक दिन एक प्यासा सहज़ादा
उसी झील पर आया
उसी झील पर आया
उसने जल दर्पण मे देखी
रूप रानी की छाया
रूप रानी की छाया
उस छाया को लेने लपका
उस छाया को लेने लपका
डूब गया सहज़ादा
सुना है जल को चीता साँझ कर
कूद पड़ी थी रानी हो
हो गयी ख़तम कहानी