Saqi Ke Har Nigah Pe
हो ओ ओ ओ ओ
साकी की हर निगाह पे बलखा के पी गया
लहरों से खेलता हुआ लहरा के पी गया
साकी की हर निगाह पे
ओ ओ ओ, ज़ाहिद ये मेरी शोखी रिंदा ना देखना
रिंदा ना देखना
रहमत को बातों बातों में बहला के पी गया
रहमत को बातों बातों में
ऐ रहमते तमाम मेरी हर खता माफ़
मेरी हर खता माफ़
मैं इन्तिहाँ ऐ शोक में घबरा के पी गया
मैं इन्तिहाँ ऐ शोक में
सर मस्ती ऐ अज़ल मुझे जब याद आ गयी
जब याद आ गयी
दुनिया ऐ ऐतबार को ठुकरा के पी गया
साकी की हर निगाह पे बलखा के पी गया
साकी की हर निगाह पे