Sab Din Hot Na Ek Saman
सब दिन हॉट ना एक समान
सब दिन हॉट ना एक समान
दुख में भी ना छ्चोड़ मगेर
तू होतो की मुस्कान
सब दिन हॉट ना एक समान
बिन सोचे समझे क्यू निकले
मुख से दो ही बोल
बिन सोचे समझे क्यू निकले
मुख से दो ही बोल
वाँ बड़ा अनमोल है प्यारे
पहेले उस को तोल
दिया हुआ कभी वचन ना जाए
बशक जाए पारण
सब दिन होत ना एक समान
राजपात से बढ़कर हे ये मानवता का तेज
राजपात से बढ़कर हे ये मानवता का तेज
हे फूलों के साज से अच्छी ये काँटों की सेज
क्यों ये जाने इस राह में मिल जाए भगवान
सब दिन होत ना एक समान
दुख में भी ना छ्चोड़ मगेर
तू होतो की मुस्कान
सब दिन होते ना एक समान