Pyar Kisi Ka Gata Hai
मैं कब गाता मेरे स्वर में
प्यार किसी का गाता है
प्यार किसी का गाता है
याद किसी की जब आती इक
नया गीत बन जाता है
प्यार किसी का गाता है
जब ले ठंडी सांसे कोई
ये पुरवैया लहराए
अंतर से जब धुआं उठे तो
अम्बर पर बादल छाए
आंसू की बूंदों में कोई
छंद नये बरसाता है
प्यार किसी का गाता है
मेरे पास नहीं कुछ अपना
जो है सभी पराया है
मेरा तन-मन मेरा जीवन
किसी और की छाया है
मैं तो हूँ इक तार छेड़कर
कोई मुझे बजाता है
प्यार किसी का गाता है
याद किसी की जब आती इक
नया गीत बन जाता है
प्यार किसी का गाता है