Poochh Na Mujh Se
JAN NISAR AKHTAR, MOHAMMED ZAHUR KHAYYAM
पुच्छ ना मुझसे दिल के फसाने
इश्क़ की बाते इश्क़ ही जाने
पुच्छ ना मुझसे दिल के फसाने
वो दिन जब हम उनसे मिले थे
दिल के नाज़ुक फूल खिले थे
मस्त आँखे चूम रही थी
सारी दुनिया झूम रही थी
दो दिल थे वो भी दीवाने
इश्क़ की बाते इश्क़ ही जाने
पुच्छ ना मुझसे दिल के फसाने
वो दिन जब हम दूर हुए थे
दिल के शीशे चूर हुए थे
आई फ़िज़ा रंगीन चमन में
आग लगी जब इस दिल के बन में
आया ना कोई आग बुझाने
इश्क़ की बाते इश्क़ ही जाने
पुच्छ ना मुझसे दिल के फसाने