Paise Ki Pehchan Yahan

Neeraj, Shankar-Jaikishan

पैसे की पहचान यहाँ
इंसान की कीमत कोई नहीं
बच के निकल जा इस बस्ती
में करता मोहब्बत कोई नहीं

बीवी बहन माँ बेटी न
कोई पैसे का सब रिश्ता है
बीवी बहन माँ बेटी न
कोई पैसे का सब रिश्ता है
आँख का आँसू खुन
जिगर का मिटटी से भी सस्ता है
मिटटी से भी सस्ता है
सब का तेरी जेब से नाता
तेरी ज़ुरूरत कोई नहीं
बच के निकल जा इस बस्ती
में करता मोहब्बत कोई नहीं

शोख गुनाहो की ये मंडी
मीठा ज़हर जवानी है
शोख गुनाहो की ये मंडी
मीठा ज़हर जवानी है
कहते है ईमान जिसे वो
कुछ नोटों की कहानी है
कुछ नोटों की कहानी है
भूख है मज़हब इस
दुनिया का और हक़ीक़त कोई नहीं
बच के निकल जा इस बस्ती में
करता मोहब्बत कोई नहीं

ज़िन्दगी क्या है चीज़ यहाँ
मत पुछ आँख भर आती है
ज़िन्दगी क्या है चीज़ यहाँ
मत पुछ आँख भर आती है
रात में कराती ब्याह काली वो
बेवा सुबह हो जाती है
बेवा सुबह हो जाती है
औरत बन कर इस कुचे
में रहती औरत कोई नहीं
बच के निकल जा इस बस्ती
में करता मोहब्बत कोई नहीं
करता मोहब्बत कोई नहीं

Curiosidades sobre a música Paise Ki Pehchan Yahan de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Paise Ki Pehchan Yahan” de Mohammed Rafi?
A música “Paise Ki Pehchan Yahan” de Mohammed Rafi foi composta por Neeraj, Shankar-Jaikishan.

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