Nigahon Ke Tere Jalwe Ki

Sahir Ludhianvi

हे हे निगाह को तेरे जलवे
की आस रहती है
हा तेरे बगैर
तबीयत हाय उदास रहती है
हा हा अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है

अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है

अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है
तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है

तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है
अब आ भी जा आ भी जा आ भी जा

आ आ आये थे इसी शहर में
हम नाज़ उठाने के लिए
हा क्या खबर थी हम यहाँ
तरसेंगे पानी के लिए
हा बेरुखी अरे बेरुखी तेरी
गरीबों की खता बन जाएगी
सहर की जो भी गली है
कर्बला बन जाएगी

वाह वाह वाह

गगन की धुन हा हा
गगन की धुन में हर
एक दीनदार कब से है

गगन की धुन में हर
एक दीनदार कब से है
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है
तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है
अब आ भी जा आ भी जा आ भी जा

हे हे हे कितने दिल बेकल है
इस रूठी हुई पलके नई
इस कदर दमयन्तिया
बैठी है एक नलके लिए ये ये
अरे वाह पंडित जी वाह
लुटा लुटा था सभी का
सिंगार कब से है

शाब्बास पंडित जी शाब्बास

लुटा लुटा सभी का
सिंगार कब से है

अब आ भी जाके
तेरा इंतज़ार कब से है
तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है
अब आ भी जा आ भी जा आ भी जा

तू जो आ जाये तो जलवो को
निखारना आ जाये
तू जो आ जाये तो
हाय रेशमी जुल्फों को बलखाके
बिखरना आ जाये
रेशमी जुल्फों को
नाजनीनो की निगाहो मे लचक आजाये

नाजनीनो की निगाहो मे लचक आजाये

इस के नेक इरादों
में चमक आ जाये
आ आ मोहब्बतों का मोहब्बतों का
जहा सो गवार कब से है

मोहब्बतों का
जहा सो गवार कब से है
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है

अब आ भी जा हा हा
अब आ भी जा
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है

तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है
अब आ भी जा आ भी जा आ भी जा

हा आ दो कदम चलता नहीं
तू हम फकीरों के लिए
हा हा सातवी मंजिल पे चढ़ता
है अमीरों के लिए
हा उनके कुत्ते भी नहाते
है निराली शान से
और यहाँ पिने का
पानी दूर है इंसान से
धनि के गीत हाय
धनि के गीत
गरीबो की हार कब से है

धनि के गीत गरीबो
की हार कब से है
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है
तेरे लिए मेरा दिल
बेक़रार कब से है
अब आ भी जा आ भी जा आ भी जा

रहम कर जालिम हमारी
नौकरी पर रहम कर
खुद से जो मिलती नहीं उस
नौकरी पर रहम कर
इश्क़ पैर करता नहीं
तो हुस्न पर रहम
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
किसी पर रहम कर

रहम कर रहम कर रहम कर

लगी हुयी यहाँ आ आ लगी हुयी यहाँ
सबकी क क़तार कब से है

लगी हुयी यहाँ
सबकी क क़तार कब से है
अब आ भी जा के तेरा
इंतज़ार कब से है

अब आ भी जा आ भी जा
आ भी जा जा जा
अरे अरे नहीं आएगा
चलो चलो चलो

Curiosidades sobre a música Nigahon Ke Tere Jalwe Ki de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Nigahon Ke Tere Jalwe Ki” de Mohammed Rafi?
A música “Nigahon Ke Tere Jalwe Ki” de Mohammed Rafi foi composta por Sahir Ludhianvi.

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