Mujhe Tumse Muhabbat Hai

Hasrat Jaipuri, Sardar Malik

मुझे तुमसे मोहब्बत है
मगर मैं कह नहीं सकता
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मगर मैं कह नहीं सकता
मगर मैं क्या करूँ बोले
बिना भी रह नहीं सकता
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मगर मैं कह नहीं सकता

मेरे ख्वाबों की शहजादी
जहाँ तुम मुस्कुराती हो
बहारे क्या फिजाओं में
हजारो गुल खिलाती हो
तुम्हे जिसने भी देखा है
जुदाई सह नहीं सकता
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मगर मैं कह नहीं सकता

ज़माना लाख बादल बन के
छा जाये निगाहो पर
मोहब्बत का उजाला फैलाता
जायेगा राहों पर
मोहब्बत चाँद ऐसा है
कभी जो गहे नहीं सकता
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मगर मैं कह नहीं सकता

Curiosidades sobre a música Mujhe Tumse Muhabbat Hai de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Mujhe Tumse Muhabbat Hai” de Mohammed Rafi?
A música “Mujhe Tumse Muhabbat Hai” de Mohammed Rafi foi composta por Hasrat Jaipuri, Sardar Malik.

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