Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare [Revival]

Roshan, Sahir Ludhianvi

मन रे तू काहे ना धीर धरे
वो निर्मोही मोह ना जाने, जिनका मोह करे
मन रे तू काहे ना धीर धरे

इस जीवन की चढ़ती ढलती
धूप को किसने बांधा
रंग पे किसने पहरे डाले
रुप को किसने बांधा
काहे ये जतन करे
मन रे तू काहे ना धीर धरे

उतना ही उपकार समझ कोई
जितना साथ निभा दे
जनम मरण का मेल है सपना
ये सपना बिसरा दे
कोई न संग मरे
मन रे तू काहे ना धीर धरे
वो निर्मोही मोह ना जाने
जिनका मोह करे
मन रे तू काहे ना धीर धरे

Curiosidades sobre a música Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare [Revival] de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare [Revival]” de Mohammed Rafi?
A música “Man Re Tu Kahe Na Dheer Dhare [Revival]” de Mohammed Rafi foi composta por Roshan, Sahir Ludhianvi.

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