Main Kahin Kavi Na Ban Jaoon [Revival]

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ

तुझे दिल के आईने में मैंने बार-बार देखा
तुझे दिल के आईने में मैंने बार-बार देखा
तेरी अँखियों में देखा तो छलकता प्यार देखा
तेरा तीर, मैंने देखा, तो जिगर के पार देखा
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ

तेरा रंग है सलोना, तेरे अंग में लचक है
तेरा रंग है सलोना, तेरे अंग में लचक है
तेरी बात में है जादू, तेरे बोल में खनक है
तेरी हर अदा मोहब्बत, तू ज़मीन की धनक है
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ

मेरा दिल लुभा रहा है तेरा रूप सादा-सादा
मेरा दिल लुभा रहा है तेरा रूप सादा-सादा
ये झुकी-झुकी निगाहें करें प्यार दिल में ज्यादा
मैं तुझ ही पे जान दूँगा, है यही मेरा इरादा
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ

Curiosidades sobre a música Main Kahin Kavi Na Ban Jaoon [Revival] de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Main Kahin Kavi Na Ban Jaoon [Revival]” de Mohammed Rafi?
A música “Main Kahin Kavi Na Ban Jaoon [Revival]” de Mohammed Rafi foi composta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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