Janam Janam Ka Saath Hai [Revival]

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये

प्यार अमर है दुनिया में, प्यार कभी नहीं मरता है
प्यार अमर है दुनिया में, प्यार कभी नहीं मरता है
मौत बदन को आती है, रूह का जलवा रहता है
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये

ओ शहज़ादी सपनों की, इतनी तू हैरान ना हो
ओ शहज़ादी सपनों की, इतनी तू हैरान ना हो
मैं भी तेरा सपना हूँ, जान मुझे अंजान ना हो
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये

तू मंज़िल मैं राही हूँ, इक दिन तुझको पाऊँगा
तू मंज़िल मैं राही हूँ, इक दिन तुझको पाऊँगा
कौन मुझे अब रोकेगा, हरदम यूँ ही आऊँगा
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये
जनम जनम का साथ है निभाने को
सौ सौ बार मैने जनम लिये

Curiosidades sobre a música Janam Janam Ka Saath Hai [Revival] de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Janam Janam Ka Saath Hai [Revival]” de Mohammed Rafi?
A música “Janam Janam Ka Saath Hai [Revival]” de Mohammed Rafi foi composta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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