Jaag Jaag O Shaktiman
जाग जाग ओ शक्तिमान
अब प्रात हो गया जाग रे
जाग जाग ओ शक्तिमान
अब प्रात हो गया जाग रे
भोर तेरे दर्शन की प्यासी
चरण स्पर्श को व्याकुल धरती
बाँट सके गंगा की लहरे
गाये प्रभा की राग रे
प्रात हो गया जाग रे
त्रिलोक में एक है तू ही
महाबलि सञ्जीवन धारी
प्राणपति तू सारे जग का
तुझसे जग का सुहाग रे
प्रात हो गया जाग रे
जाग जाग शिवजी के प्यारे
जाग जाग शिवजी के प्यारे
देख प्रभाकर आया दवारे
परम पुनीत चराचर कर दे
जगा दे हमरे भाग रे
प्रात हो गया जाग रे
अब प्रात हो गया जाग रे