Gar Tum Bhula Na Doge

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

गर तुम भुला न दोगे
सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा न होंगे
हम तुम जुदा न होंगे

गर तुम भुला न दोगे
सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा न होंगे
हम तुम जुदा न होंगे

मालिक है अपने हाथो जिस गम हमे बनाया
डाली दिलो मे धड़कन ओर दिल से दिल मिलाया
फिर प्यार का फरिश्ता दुनिया मे लेके आया
गर तुम भुला न दोगे
सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा न होगे
हम तुम जुदा न होगे

जीवन के हर सफर में
हम साथ ही रहेंगे
दुनिया की हर डगर पर
हम साथ ही चलेंगे
हम साथ ही जिएंगे
हम साथ ही मरेंगे

गर तुम भुला न दोगे
सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा न होंगे
हम तुम जुदा न होंगे
गर तुम भुला न दोगे
सपने ये सच ही होंगे
हम तुम जुदा न होंगे
हम तुम जुदा न होंगे

Curiosidades sobre a música Gar Tum Bhula Na Doge de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Gar Tum Bhula Na Doge” de Mohammed Rafi?
A música “Gar Tum Bhula Na Doge” de Mohammed Rafi foi composta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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