Chaudhvin Ka Chand Ho [LP Classics]

Shakeel Badayuani

हुं हुं हुं हुं
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो

जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए
मस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो

चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या जिंदगी के साज़ पे छेड़ी हुई गज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख़्वाब हो
चौदहवीं का चाँद हो

होंठों पर खेलती हैं तब्बसुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती हैं कहकशां
दुनिया ए हुस्नों इश्क़ का तुम ही शबाब हो
चौदहवीं का चाँद हो या अफताब हो

Curiosidades sobre a música Chaudhvin Ka Chand Ho [LP Classics] de Mohammed Rafi

De quem é a composição da música “Chaudhvin Ka Chand Ho [LP Classics]” de Mohammed Rafi?
A música “Chaudhvin Ka Chand Ho [LP Classics]” de Mohammed Rafi foi composta por Shakeel Badayuani.

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