Chaudhvin Ka Chand Ho [LoFi]
RAVI, SHAKEEL BADAYUNI
चौदहवीं का चाँद हो, या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम खुदा कि क़सम, लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो, या आफ़ताब हो
जो भी हो तुम खुदा कि क़सम, लाजवाब हो चौदहवीं का चाँद हो
ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधो पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे महके पयाले भरे हुए
मस्ती है जिसमे प्यार की तुम, वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो